कहने को आँखे खुली है ,
पर ,
तुम ने देखा नहीं ,
नहीं करते प्रतिक्रिया ,
इस अजीबोगरीब ,
आचरण से ,
मितली आ रही है .
एक बात पूछूं ,
नाराज मत हॉना ,
बस ,
मेरी जिज्ञासा है ,
शमन करें ,
बहुत भला होगा ,
ऐसे हालातों में ,
ज़िंदा भी हैं ,
या ,
बिल्कुल मरे हुए .
-त्रिलोकी मोहन पुरोहित , राजसमन्द (राज.)
पर ,
तुम ने देखा नहीं ,
नहीं करते प्रतिक्रिया ,
इस अजीबोगरीब ,
आचरण से ,
मितली आ रही है .
एक बात पूछूं ,
नाराज मत हॉना ,
बस ,
मेरी जिज्ञासा है ,
शमन करें ,
बहुत भला होगा ,
ऐसे हालातों में ,
ज़िंदा भी हैं ,
या ,
बिल्कुल मरे हुए .
-त्रिलोकी मोहन पुरोहित , राजसमन्द (राज.)