Wednesday, 31 December 2014

नए वर्ष से गूंजे घर में, उपलब्धि की बात.


नए वर्ष से आए घर में, खुशियों की बरात.
नए वर्ष से गूंजे घर में, उपलब्धि की बात.

नए वर्ष में छाजन छाकर,
करे छाँव की बात.
नए वर्ष में साजन आकर,
करे भाँत की बात.
एक सूत्र में बंध कर के, करें गाँव की बात.
नए वर्ष से गूंजे घर में, उपलब्धि की बात.

नए वर्ष में बालक सगला,
किलक भरे सब साथ.
नए वर्ष में उजला हिवड़ा
करे न ओछी बात.
मीठा पानी घर में आए, मेघ करे बरसात.
नए वर्ष से गूंजे घर में, उपलब्धि की बात.

नए वर्ष में खलिहान उगल दे,
घर में आए धान.
नए वर्ष में घर के कोठे,
रोज उलिचें धान.
घर आने-जाने वाले का, खूब रहे सम्मान.
नए वर्ष से गूंजे घर में, उपलब्धि की बात.

नए वर्ष में योगी-ध्यानी,
करे ज्ञान की बात.
नए वर्ष में सर्जक सारे,
करे सृजन की बात.
निर्भय हो कर देश चले जी, गूंजे जिंदाबाद.
नए वर्ष से गूंजे घर में, उपलब्धि की बात.

नए वर्ष में रोग नहीं हो,
करें योग की बात.
नए वर्ष में शोक नहीं हो,
करें ध्यान की बात.
कोई छिटका नहीं रहे जी,मिले रहें सब हाथ.
नए वर्ष से गूंजे घर में, उपलब्धि की बात.

-    त्रिलोकी मोहन पुरोहित, राजसमन्द. (राज)

   






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