दूर क्यों खड़े , आओ बात तो करें.
संवाद के लिए , मुलाकात तो करें.
सूनी - सूनी सांज,
उदास है प्रभात ,
दिग्भ्रमित है दिन ,
बर्फ सी है रात .
मौन क्यों रहें ,आओ बात तो तो करें .
संवाद के लिए , मुलाक़ात तो करें.
उलजनों की डोर,
संवाद के लिए , मुलाकात तो करें.
सूनी - सूनी सांज,
उदास है प्रभात ,
दिग्भ्रमित है दिन ,
बर्फ सी है रात .
मौन क्यों रहें ,आओ बात तो तो करें .
संवाद के लिए , मुलाक़ात तो करें.
उलजनों की डोर,
गुच्छ सी बनी,
सब प्रयास विफल ,
गुत्थियां तनी .
हठ क्यों करें , आओ बात तो करें .
संवाद के लिए , मुलाक़ात तो करें.
कागज की सही ,
छोटी नाव तो तिराएँ ,
गीली रेत के सहारे ,
कुछ अपना बनाएं ,
विवाद क्यों करें , आओ बात तो करें ,
संवाद के लिए , मुलाक़ात तो करें .
मेरे प्रिय गीतों में से एक गीत। बहुत दिनों के बाद राजनगर के उन दिनों की याद आ गई जब आपके मुख से ये गीत सुना करते थे।मेरे प्रिय गीतों में से एक गीत। बहुत दिनों के बाद राजनगर के उन दिनों की याद आ गई जब आपके मुख से ये गीत सुना करते थे।
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ReplyDeleteअति उत्तम.
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