जय श्री कृष्ण
Monday, 29 August 2011
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
संवेदना तो मर गयी है
एक आंसू गिर गया था , एक घायल की तरह . तुम को दुखी होना नहीं , एक अपने की तरह . आँख का मेरा खटकना , पहले भी होता रहा . तेरा बदलना चुभ र...
-
एक आंसू गिर गया था , एक घायल की तरह . तुम को दुखी होना नहीं , एक अपने की तरह . आँख का मेरा खटकना , पहले भी होता रहा . तेरा बदलना चुभ र...
-
दुख है कितना अपना कितना पराया जब अपने ही हुए पराये तुम जानो या मैं जानूँ क्योंकि दुख ये तुमसे चिपटा या मुझसे चिपटा ।। दुख ह...
-
बैठ कर समाधि पर रोने से अच्छा था , जब थे तब ही मिल लेते गले , अपनेपन के पुष्प लिए , तब तुम्हारी आँखों में पछतावे के स्थान पर ...
No comments:
Post a Comment