अब्बा दौड़े अम्मी दौड़े
बच्चा काहे दौड़ता है ?
माना मैंने अब्बा पर ,
घर का सारा बोझ है.
रुक जाएगा तो मानो,
अब्बा घर पर बोझ है.
माना मैंने अम्मी को ,
घर पर पूरी खपती है,
घर पर पाँच जने बैठे,
सब को लेकर पचती है.
घर में बच्चा खेलना था,
वह बूढ़े सा लगता है,
बेमौसम पौधे को ,
पतझड़ काहे रोंदता है ?
अब्बा दौड़े अम्मी दौड़े
बच्चा काहे दौड़ता है ?
अब्बा की बेचेनी देख ,
हाथ बढ़ाने बढ़ता बच्चा ,
अम्मा की टूटन को देख ,
समझा बनता घर में बच्चा.
बेरा बनता ,कूली बनता ,
नोकर बनता कच्चा बच्चा .
घर में बच्चा झूलना था ,
वह डोलता सा लगता है,
अभी पौधा निकला ही है,
पाला काहे मारता है ?
हॉकर बनता प्यारा बच्चा ,
मोची बनता, माली बनाता , नोकर बनता कच्चा बच्चा .
घर में बच्चा झूलना था ,
वह डोलता सा लगता है,
अभी पौधा निकला ही है,
पाला काहे मारता है ?
No comments:
Post a Comment