बगिया महकी , कई दिनों से .
कलियाँ चटकी , कई दिनों से.
तुझे देख कर ,
मौसम बदला .
नीड़ में दुबका ,
पंछी मचला .
गौरैया चहकी , कई दिनों से .
ले आई तिनके ,कई दिनों से .
लगी अर्गला ,
उतर चली है .
झीनी झिल्ली ,
खिसक चली है.
खिड़की खुलती , कई दिनों से .
ये सूरत दिखती , कई दिनों से .
फिर से काली ,
कलम दौड़ती .
धवल अर्थ से ,
शब्द जोड़ती .
कविता रच दी , कई दिनों से .
तुम जो मिलती , कई दिनों से .
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