एक तूफान उठा ,
और,
समंदर खंगाल गया .
बहुत उठा-पटक हुई,
समंदर के पानी में ,
लेकिन,
एक बात सही हुई ,
मोती सा पानी रह गया ,
और ,
कचरा किनारा ही छोड़ गया.
एक आंसू गिर गया था , एक घायल की तरह . तुम को दुखी होना नहीं , एक अपने की तरह . आँख का मेरा खटकना , पहले भी होता रहा . तेरा बदलना चुभ र...
aesa hi tuphan asal jindgi me bhi ek baar jarur aata hai so apne bhitar jo kachara hota hai wo bhi bah kar chaja jata hai or hume bafi kuch sikha jata hai..
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