पत्नी जी ने प्यार से पूछा,
आज दिन भर को ,
क्या करिएगा?
अचानक से दागे गए,
तोप के गोले से सवाल ने ,
दिमाग के तंतु हिलाए,
याद आया ,अरे रे !
आज करवा चोथ है .
तपाक से बोले-
ओ मेरी सरकार,
बधाई करें स्वीकार,
आज करवा चोथ है ,
दिन भर आपके साथ हैं,
दागा गया दूसरा सवाल -
आज नया क्या करिएगा ?
हमने तपाक से दिया जवाब -
शाम को लिखेंगे ,
एक पत्नी-व्रत पर कविता,
.
बाँक नजर डाली हमपर,
और कहा-
हाँ,कविता लिखो जरूर ,
परन्तु , नहीं होनी चाहिए,
किसी भी तरह की बुराई.
हमने प्यार से कहा-
नहीं रे,ऐसे थोड़ा होता है,
दरिया में रहना ,
और-
मगर से वेर करना ?
कहने को हम ने कहा दिया......
............................................
............................................
अब वो हमें ताक रही थी ,
हम उन्हें ताक रहे थे ,
उनका प्याल छूट गया,
हमारा पसीना छूट गया.
( सभी भाई-भावज को करवा चोथ की बधाई)
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