Monday, 27 August 2012

परिवर्तन बस परिवर्तन.


हाथों हाथ हथेली मिलती
           वह चाहे
परिवर्तन बस परिवर्तन

इस घर से उस घर तक ,
उस घर से इस घर तक ,
   चिड़िया हाँ चिड़िया
     आये-जाये  कैसे ?
पंख फैलाने को डरती है  ,
         वह चाहे ,
परिवर्तन बस परिवर्तन.

इस गण से उस गण तक ,
उस गण से इस गण तक ,
     बिटिया हाँ बिटिया,
      संवाद बनाए कैसे?
सच कहने में ही डरती है,
            वह चाहे ,
परिवर्तन बस परिवर्तन .

इस मन से उस मन तक ,
उस मन से इस मन तक ,
        इच्छा हाँ इच्छा ,
         पूरी हो कैसे ?
शोषण की चक्की चलती है ,
            वह चाहे ,
परिवर्तन बस परिवर्तन .

इस क्षण से उस क्षण तक ,
उस क्षण से इस क्षण तक ,
        जनता हाँ जनता ,
         उभरे तो कैसे ?
  निजता में ही पिसती है ,
            वह चाहे ,
परिवर्तन बस परिवर्तन.

इस जन से उस जन तक ,
उस जन से इस जन तक ,
     कविता हाँ कविता
      सम्प्रेषण दे कैसे ?
अभिव्यक्ति में मरती है ,
           वह चाहे ,
परिवर्तन बस परिवर्तन .



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