हाथों हाथ हथेली मिलती
वह चाहे
परिवर्तन बस परिवर्तन
इस घर से उस घर तक ,
उस घर से इस घर तक ,
चिड़िया हाँ चिड़िया
आये-जाये कैसे ?
पंख फैलाने को डरती है ,
वह चाहे ,
परिवर्तन बस परिवर्तन.
इस गण से उस गण तक ,
उस गण से इस गण तक ,
बिटिया हाँ बिटिया,
संवाद बनाए कैसे?
सच कहने में ही डरती है,
वह चाहे ,
परिवर्तन बस परिवर्तन .
इस मन से उस मन तक ,
उस मन से इस मन तक ,
इच्छा हाँ इच्छा ,
पूरी हो कैसे ?
शोषण की चक्की चलती है ,
वह चाहे ,
परिवर्तन बस परिवर्तन .
इस क्षण से उस क्षण तक ,
उस क्षण से इस क्षण तक ,
जनता हाँ जनता ,
उभरे तो कैसे ?
निजता में ही पिसती है ,
वह चाहे ,
परिवर्तन बस परिवर्तन.
इस जन से उस जन तक ,
उस जन से इस जन तक ,
कविता हाँ कविता
सम्प्रेषण दे कैसे ?
अभिव्यक्ति में मरती है ,
वह चाहे ,
परिवर्तन बस परिवर्तन .
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ReplyDeletebahut achi rachna he :-)
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