चाँद तू भी है अनोखा , दाग को ढोता रहेगा .
उनकी बोली बोलता ,सच में तू तोता रहेगा .
यार तेरे सामने ही , लोग मारे जा रहे नित.
चांदनी से दीदे लड़ाने ,नभ में तू खोता रहेगा
साड़ियाँ कई तार - तार , देखी है तूने बार-बार.
अभिव्यक्ति को गूंगी बना ,यूं ही तू ढोता रहेगा .
भूख-भय के दंड से , लिपटा हुआ ही था तिरंगा.
भाषणों में फहरा दिया , हाथ ही तू धोता रहेगा
कुछ दीवाने हंस मरे , तेरे लिए भी मेरे लिए भी .
फिर दीवाने आ रहे , चुप-चुप ही तू रोता रहेगा.
चाँद तुझ को आज मौका , मिल रहा है सुनहरा ,
ले मशालें चल पड़ो अब , होगा जो होता रहेगा.
उनकी बोली बोलता ,सच में तू तोता रहेगा .
यार तेरे सामने ही , लोग मारे जा रहे नित.
चांदनी से दीदे लड़ाने ,नभ में तू खोता रहेगा
साड़ियाँ कई तार - तार , देखी है तूने बार-बार.
अभिव्यक्ति को गूंगी बना ,यूं ही तू ढोता रहेगा .
भूख-भय के दंड से , लिपटा हुआ ही था तिरंगा.
भाषणों में फहरा दिया , हाथ ही तू धोता रहेगा
कुछ दीवाने हंस मरे , तेरे लिए भी मेरे लिए भी .
फिर दीवाने आ रहे , चुप-चुप ही तू रोता रहेगा.
चाँद तुझ को आज मौका , मिल रहा है सुनहरा ,
ले मशालें चल पड़ो अब , होगा जो होता रहेगा.
Pawan Kumar ji , Sunderkand Satsang Mandal ji, Naveen gotam ji , Narpat sing ji - you like my poetry . thanks.
ReplyDeleteEk-ek shabda chetna ko jhanjhodte huye. Adbhut rachna.
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