मैं आऊँ या ना आऊँ ,
अब तुम आना ,
आ कर के यों घुल जाना ,
जैसे पानी में पानी घुल जाए.
तुम को देखूं या ना देखूं ,
अब तुम देखो ,
इतना देखो तुम मुझ को ,
दोनों आँखें पूरी ही भर जाए.
तुझे ओढ़ कर फटे हाल हूँ ,
अब तुम ओढो ,
इतना ओढो तुम मुझ को ,
सारा सच बाहर को आ जाए.
जिन गीतों को मैंने गाया ,
अब तुम गाना,
उन गीतों को ऐसे गाना ,
ह्रदय तेरा बाहर को आ जाए.
मैं रिश्तों में खेल बना ,
अब तुम खेलो,
उन रिश्तों को ऐसे खेलो ,
जीवन का रूप सामने आ जाए.
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