Tuesday, 4 September 2012


मेरा ईश्वर मेरा प्रियतम ,
कैसे कह दूं वह कैसा है?
जो मैनें जाना .

वह है तेरे जैसा ,वह मेरे जैसा ,
है उस के जैसा , इस के जैसा .
सच तो यह है ,
कुछ-कुछ है वह सब के जैसा ,
कैसे लिख दूं वह कैसा दिखता ?
जो मैंने जाना.

सुमनों की सुरभि सा लगता ,
जल की शीतलता सा लगता ,
आग सरीखा,
पानी की चिलमन जैसा लगता ,
कैसे चित्र रचूं वह कैसा लगता ?
जो मैनें पाया .

सब ओर मुखर है उस की दृष्टि
जड़-चेतन है सब उस की सृष्टि,
गूँज उठी है ,
अन्दर-बाहर उसकी अभिव्यक्ति ,
कैसे कह दूं वह कैसा मिलता ?
जो मैनें गाया .

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