सब्जी की दुकान पर ,
सब्जी लेती महिला ने,
दुकानदार से कहा-
भाई साहब भिन्डी देदो,
भिन्डी उठाते हुए पूछा -
ज़रा भाव तो बता दो .
सब्जी वाला भाई बोला -
बहिन जी आपके लिए,
ज्याद नहीं बताउंगा,
मात्र अस्सी रुपया किलो ,
महिला के हाथ से ,
छूट गयी भिन्डी .
हतप्रभ सी देखती है,
साश्चर्य कहती है-
भाई साहब मुझे लोकी ही देदो,
लोकी लेती है,
और -
अपनी जिंदगी के ,
समझोते की सूची में,
एक और समझोता जोड लेती है,
एक अरसे से उस के घर,
माखन नहीं आता है,
तैल भी हो गया बहुत कम ,
बच्चे करते हैं सवाल ,
तब सधी हुई मास्टरनी जी
की तरह देती है जवाब ,
ये सब बढ़ा देते हैं ,
केलोस्ट्रोल हमारे शरीर में ,
परन्तु,
उलजा हुआ है उसका मन-मस्तिस्क,
सब्जी मे समझोते का,
अब क्या देगी जवाब ?
,
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