बत्तीस रुपैया में क्या होगा ,
ऊँट के मुँह में जीरा होगा.
तुमको कोक -पेप्सी चाहिए,
और चाहिए पीजा- केक,
लंच-डीनर-ब्रेक फास्ट में,
नित नयी हों चीज अनेक. ,
धरती पर अधनंगे फिरते,
क्या उनको भूख नहीं लगती?
जिनके होंठ सूख गए हैं ,
क्या उनको प्यास नहीं लगती?
उनको सूखा कोर बहुत है,
तुम को प्यारा सीरा होगा.
बत्तीस रुपैया में क्या होगा ,
ऊँट के मुँह में जीरा होगा.
वातानुकूलित गाडी रखते हो,
पञ्च-सितारा में पलते हो ,
सर्दी-गर्मी से छिपते हो,
फिल्टर पानी पीते हो,
वे नंगे पैरों दोड़ रहें हैं ,
खेतों को वो गोड़ रहें हैं
सर्दी-गर्मी सब कुछ सहते,
उत्पादन में सर फोड़ रहें हैं.
उनके घर होगी गास-फूस ,
तेरे सोना-चाँदी-हीरा होगा.
बत्तीस रुपैया में क्या होगा ,
ऊँट के मुँह में जीरा होगा.
No comments:
Post a Comment