लिजलिजी बातें न तो अब तुम कहो.
कुछ खरी बातें सुनें जब तुम कहो.
कुछ खतों को छोड़ कर वह चल पड़े .
उन खतों की बात को अब तुम कहो .
नित नये नाटक यहाँ पर दिख रहे .
कौन इन का है नियंता तुम कहो .
जब तुझे बोसा दिया तब तुम खिले .
पलट के देखे न वे क्यों तुम कहो.
कुछ लुटेरे लूट के अब बस गये.
अब ज़रा उन के ठिकाने तुम कहो .
खबर देने का भरोसा कर गये .
वह कहाँ सोये पड़े अब तुम कहो.
आग-इंधन भी यहाँ सीमित हुए .
रोटी भी कच्ची मिलेगी तुम कहो .
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