Friday, 9 November 2012

आज के हाइकू -प्यार बड़ा था.




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वह नम्र था ,
दुहरा लगता था ,
कद बड़ा था .
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अपना कौर ,
साथ वाले को देता ,
संत बड़ा था .
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बोझ पिता का ,
हँस कर ढोता था,
बेटा बड़ा था.
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बिन सोचे ही,
तज गया वो प्राण,
प्यार बड़ा था.
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सब छोटे थे ,
भूख-प्यास व नींद,
लक्ष्य बड़ा था.
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सबसे लड़ा ,
परवाह नहीं की ,
यार बड़ा था.
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टिका दी पीठ,
आश्रय जो मिला था,
पथ बड़ा था.
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थम गए पाँव ,
देख कर मंजर ,
दर्द बड़ा था.
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