Friday 9 November 2012

आज के हाइकू -प्यार बड़ा था.




*******************
वह नम्र था ,
दुहरा लगता था ,
कद बड़ा था .
*******************
अपना कौर ,
साथ वाले को देता ,
संत बड़ा था .
*******************
बोझ पिता का ,
हँस कर ढोता था,
बेटा बड़ा था.
*******************
बिन सोचे ही,
तज गया वो प्राण,
प्यार बड़ा था.
*******************
सब छोटे थे ,
भूख-प्यास व नींद,
लक्ष्य बड़ा था.
*******************
सबसे लड़ा ,
परवाह नहीं की ,
यार बड़ा था.
*******************
टिका दी पीठ,
आश्रय जो मिला था,
पथ बड़ा था.
*******************
थम गए पाँव ,
देख कर मंजर ,
दर्द बड़ा था.
*******************

No comments:

Post a Comment

संवेदना तो मर गयी है

एक आंसू गिर गया था , एक घायल की तरह . तुम को दुखी होना नहीं , एक अपने की तरह . आँख का मेरा खटकना , पहले भी होता रहा . तेरा बदलना चुभ र...