जिंदा हूँ या मरा हुआ
तुम ही अच्छे से बता सकते हो
मैं तलाश में हूँ उनकी
जिनके बिना जिंदगी सम्भव नहीं।
तुम ही अच्छे से बता सकते हो
मैं तलाश में हूँ उनकी
जिनके बिना जिंदगी सम्भव नहीं।
कहने को सब है
नहीं है तो वे ही नहीं है
वे नहीं तो फिर कुछ भी नहीं
इसी कारण नित्य मारा जाता हूँ।
नहीं है तो वे ही नहीं है
वे नहीं तो फिर कुछ भी नहीं
इसी कारण नित्य मारा जाता हूँ।
उन्हें पाने के पागलपन में
कई अमीर फकीर हुए हैं
कई सूली पर चढ़ा दिए गए हैं
यह रास्ता आग से दहकता है।
कई अमीर फकीर हुए हैं
कई सूली पर चढ़ा दिए गए हैं
यह रास्ता आग से दहकता है।
वे रईस हैं और महल में हैं
मैं गुमनाम रास्तों पर सफर पर हूँ
चलकर भी उनके पास पहुंचना है
मरकर भी उनके पास पहुंचना है।
मैं गुमनाम रास्तों पर सफर पर हूँ
चलकर भी उनके पास पहुंचना है
मरकर भी उनके पास पहुंचना है।
- त्रिलोकी
मोहन पुरोहित, राजसमन्द।
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