हमने हमेशा ही
दिन को
रोशनी के साथ
व्यस्त देखा
परंतु चेहरे को
हमेशा ही
मुस्कराहट के लिए
संघर्ष करते देखा,
अभी भी हमने
खुला छोड़ दिया
जो दरारों को ।
दिन को
रोशनी के साथ
व्यस्त देखा
परंतु चेहरे को
हमेशा ही
मुस्कराहट के लिए
संघर्ष करते देखा,
अभी भी हमने
खुला छोड़ दिया
जो दरारों को ।
दरारों को पाटने में
हाथ छिल गए
परंतु हर दरार के
समापन पर
मुस्कान उसी तरह
उभर आती,
सुफल ही मिल गया
मानो जिजीविषा को ।
हाथ छिल गए
परंतु हर दरार के
समापन पर
मुस्कान उसी तरह
उभर आती,
सुफल ही मिल गया
मानो जिजीविषा को ।
त्रासदी मुस्कराहट के
रुक जाने की नहीं,
त्रासदी तो दरार के बाद
इक नई दरार के
उभर आने की है वह,
रुक जाने की नहीं,
त्रासदी तो दरार के बाद
इक नई दरार के
उभर आने की है वह,
जैसे अनजाने में ही
दिये जा रहे निमंत्रण
हम नई दरारों को ।
- त्रिलोकी मोहन पुरोहित, राजसमन्द।I
हम नई दरारों को ।
- त्रिलोकी मोहन पुरोहित, राजसमन्द।I
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