माँग रहे हो अधिकारों को,
क्या पाओगे भाग बँटे हैं।।
कहाँ करोगे दिल की बातें
सब के सब तो नाक कटे हैं।।
क्या पाओगे भाग बँटे हैं।।
कहाँ करोगे दिल की बातें
सब के सब तो नाक कटे हैं।।
तय कर लेना
क्या खोना है?
तय कर लेना
क्या पाना है?
क्या खोना है?
तय कर लेना
क्या पाना है?
पैगंबर सा कोई आया,
हमको वो अधिकार दिलाने।
अधिकारों में पथ के रोड़े,
कौए भी सब साथ डटे हैं।।
हमको वो अधिकार दिलाने।
अधिकारों में पथ के रोड़े,
कौए भी सब साथ डटे हैं।।
तय कर लेना
किसे पोषणा?
तय कर लेना
किसे खोदना?
किसे पोषणा?
तय कर लेना
किसे खोदना?
बजती डफली तरह-तरह से,
बेढंगे कई नृत्य हुए हैं।
सब प्रहसन में लगा दिए हैं,
अगुए पद के पास सटे हैं।
बेढंगे कई नृत्य हुए हैं।
सब प्रहसन में लगा दिए हैं,
अगुए पद के पास सटे हैं।
तय कर लेना
करना क्या है?
तय कर लेना
मंजिल क्या है?
करना क्या है?
तय कर लेना
मंजिल क्या है?
आजादी के नाम गा रहे,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
बाकी काली करतूतें हैं,
जिनके चलते पाँव कटे हैं।
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
बाकी काली करतूतें हैं,
जिनके चलते पाँव कटे हैं।
तय कर लेना
उठना है क्या?
तय कर लेना
चलना है क्या?
उठना है क्या?
तय कर लेना
चलना है क्या?
ताजमहल की चाहत में ही,
विषबेलें कई फल गई हैं।
उन्मादी हो लोक सो गया,
लो मनचलों के भाव बढ़े हैं।
विषबेलें कई फल गई हैं।
उन्मादी हो लोक सो गया,
लो मनचलों के भाव बढ़े हैं।
तय कर लेना
मरना है क्या?
तय कर लेना
जीना है क्या?
मरना है क्या?
तय कर लेना
जीना है क्या?
- त्रिलोकी
मोहन पुरोहित, राजसमन्द (राज.)
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